शक्तिशाली कार्यों को करने वाला विनम्र दास

मूसा एवं जलती हुई झाड़ि‍यां

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वीडियो के विषय में :

मूसा एक इस्राएली था जो परमेश्वर का प्रिय था जिसका पालन मिस्र में एक राजकुमार के रूप में उस समय हुआ जब इस्राएली लोग दास थे। एक दिन मूसा अपनी भेड़ें चरा रहा था तब प्रभु का एक स्‍वर्गदूत उसके सामने प्रगट हुआ और उससे का ‘‘मैंने अपनी प्रजा के लोग जो मिस्र में है उनके दुःख को देखा और चिल्लाहट को सुना है। इसलिए अब मैं उतर आया हूं कि उन्‍हें छुड़ाऊं और उस देश में पहुंचाऊं जिसमें दूध और मधु की धाराएं बहती हैं। अपने लोगों को मिस्र से बाहर निकालने के लिए मैं तुझे फिरौन राजा के पास भेजूंगा।’’

यह बात स्‍पष्‍ट है कि मूसा भयभीत हो गया।  किन्तु परमेश्वर ने मूसा से प्रतिज्ञा की कि वह उसके साथ हमेशा रहेगा। अपनी शक्ति सिद्ध करने के लिए, परमेश्‍वर ने मूसा को तीन चिन्ह दिए। पहला, मूसा ने अपनी छड़ी (लाठी) जमीन  पर फेंकी और वह सर्प (सांप)। बन गई। जब मूसा ने सर्प को पूंछ पकड़कर उठाया, वह पुनः छड़ी बन गया। दूसरा चिन्‍ह, मूसा ने अपना हाथ अपने वस्‍त्र में रखा, और जब उसने उसे बाहर निकाला, उसका हाथ कोढ़ से श्‍वेत हो गया। मूसा ने अपना हाथ पुन: अपने वस्‍त्र में रख लिया और बाहर निकलने पर वह फिर सामान्य हो गया। अन्त में, परमेश्वर ने मूसा से कहा कि वह नील नदी के जल से एक महान चमत्कार करेगा। मूसा को नील नदी का जल लेकर भूमि पर उण्‍डेलना था, और वह जल लहू बन गया।

मूसा ने वैसा ही किया जैसा परमेश्‍वर ने उससे कहा था तथा मिस्र देश में फिरौन राजा का सामना किया। परमेश्वर की सहायता से, मूसा लाल सागर के पार सीनै पर्वत तक लोगों को मिस्र देश से बाहर अपनी अगुवाई में ले गया। सीनै पर्वत पर परमेश्वर ने इस्राएलियों से यह कहकर प्रतिज्ञा (वाचा) की, ‘‘मैं तुम्हारा परमेश्वर होऊंगा और तुम मेरे लोग होगे।’’  परमेश्वर ने लोगों से प्रतिज्ञा की कि वह उन्हें वापस अब्राहम के देश अर्थात प्रतिज्ञा के देश में ले जाएगा।

विचार करने योग्‍य प्रश्न :

  1.  इस्राएली क्‍यों मिस्र देश में रह रहे थे?

  2. परमेश्वर मूसा से क्‍या कराना चाहता था?

  3. क्या आप सोचते हैं कि जिस कार्य को परमेश्वर कराना चाहता था, उसे करने में मूसा डर गया था? 

  4. यदि आप मूसा के स्थल पर होते, तब आप परमेश्वर से क्‍या कहते?

कहानी की पृष्‍टभूमि :

  • निर्गमन की पुस्‍तक अब्राहम के परिवार को मिस्र की गुलामी से छुटकारा देने का वर्णन करती है, दासत्‍व से लेकर वापस प्रतिज्ञा के देश में पहुंचाए जाने के समय तक अब लोगों की गिनती असंख्‍य हो चुकी थी।

  • फिरौन राजा की अधीनता में लोग अत्‍यन्‍त सताए गए थे। वास्‍तव में राजा फिरौन ने आज्ञा दी थी कि समस्‍त इस्राएली लड़कों को पैदा होते ही मार डाला जाए| मूसा की जान बच गई क्‍योंकि उसकी माता बहादुर थी तथा उसने मूसा को तब तक बचाए रखा जब तक उसे मिस्र की राजकुमारी द्वारा गोद नहीं ले लिया गया (निर्गमन 1)।

  • निर्गमन 11-13 अध्यायों में अन्तिम विपत्ति अर्थात मिस्रियों के पहिलौठों की मृत्यु का वर्णन है। परमेश्‍वर ने विस्‍तृत रूप से इस्राएलियों को निर्देश दिए थे जो उनकी रक्षा कर सकते थे और यह कार्य पहला फसह बन गया। फसह का पर्व सम्पूर्ण धर्मशास्‍त्र में और यहां तक कि यीशु द्वारा भी मनाया जाता था, और आज भी इसे यहूदियों द्वारा मनाया जाता है।

  • निर्गमन अध्‍याय 19-40 में परमेश्वर द्वारा इस्राएलियों से सीनै पर्वत पर बांधी गई वाचा,  व्‍यवस्‍था तथा परमेश्वर की आराधना करने के विस्तृत निर्देशों का वर्णन है। इस्राएलियों के लिए  व्‍यवस्था (नियम) अत्‍यन्‍त आवश्‍यक थे तथा उनका पालन यीशु के जीवनकाल से लेकर आज तक किया जाता है।

हवाला - निर्गमन – 3-4