पलंग बनाने वाला

नूह एवं जलप्रलय

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वीडियो के विषय में :

एक मनुष्य, जो जन्म से लंगड़ा था, वह सुनता है कि यीशु नामक एक आश्चर्यकर्म करने वाला उसके गाँव में शिक्षा दे रहा है और वह अपने मित्रों को अपनी सहायत करने तथा यीशु को देखने के लिए बुलाता है। वहां वह भीड़ देखकर हिम्मत नहीं हारता है, उसके मित्र उसका पलंग घर की छत से यीशु के पास भीतर पहुंचा देते हैं, यीशु उस लंगड़े मनुष्य का विश्‍वास पहचान लेता है और उसके शरीर तथा आत्‍मा को चंगा करता है। 
इस कहानी का अधिकांश केन्द्र उस लंगड़े मनुष्य को चंगा करने में यीशु की चंगा करने वाली आर्श्‍चजनक शक्ति तथा पापों को क्षमा करने के उसके अधिकार पर है। किन्तु इस कहानी का दूसरा भाग यह है कि यीशु के प्रस्‍थान करने के काफी समय पश्चात् इस आश्चर्यकर्म ने लंगड़े मनुष्य का जीवन बदल दिया। उसके साथ क्‍या हुआ और एक बार चलने फिरने के बाद उसने क्‍या कार्य करना आरम्‍भ किया?

विचार करने योग्‍य प्रश्न :

  1. जब भीड़ भरे कमरे में लोगों ने छत में एक छेद बनाकर ऊपर से किसी को आते देखा तब उन्होंने क्‍या सोचा?

  2. यीशु द्वारा चंगा किए जाने के बाद आपके विचार से लंगड़े व्‍यक्ति ने क्‍या कहा होगा?

  3. परमेश्वर ने आकाश में इन्‍द्रधनुष क्‍यों रखा?

  4. अब वह चल फिर और घूम सकता था, तब जिन लोगों ने उस चंगाई को देखा था, आपके विचार से उन्होंने यीशु के विषय में क्‍या कहा होगा?

कहानी की पृष्‍टभूमि :

  • यह कहना कि, ‘‘तेरे पाप क्षमा हुए’’ आसान है, किन्तु उसे सिद्ध करना कठिन है। दूसरी ओर यह कहना, ‘‘अपनी खाट उठाकर चल फिर’’ यीशु की शक्ति सिद्ध करने के लिए अपेक्षाकृत आसान है। यीशु यह बात जानता और समझता था कि शंका करनेवाले दोनों बातों को अपनी आंखों से देखकर लाभ उठा सकेंगे।

  • जब लंगड़े मनुष्य की चंगाई के पश्चात् व्यवस्था के गुरु (शास्‍त्री) प्रश्न करते हैं, तो वे अन्ततः पूछ रहे थे कि यीशु यह सिद्ध करे कि उसे पापों को क्षमा करने का अधिकार और शक्ति थी अथवा नहीं।

हवाला - मरकुस 2:1-12