इंद्रधनुष का भय

नूह एवं जलप्रलय

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वीडियो के विषय में :

नूह एक ऐसा व्यक्ति था जिसे परमेश्वर के प्रति उसकी विश्वासयोग्‍यता के विषय में जाना जाता था। नूह ने वह सब किया जिसे परमेश्‍वर ने कहा और उसने स्‍वयं को बुराई की परीक्षा से बचाया। उसकी विश्वासयोग्‍यता के फलस्वरूप परमेश्वर ने उसे कष्‍ट और परेशानी से बचाने का निश्चय किया। परमेश्‍वर ने नूह से एक महा जलप्रलय के लिए एफ विशाल जहाज बनाने को कहा।

जहाज बन जाने के बाद, परमेश्‍वर ने नूह से उसमें अपने परिवार तथा पशुओं से भरने को कहा। जलप्रलय से बचने के लिए परमेश्‍वर ने उससे जहाज में बना रहने को कहा जब तक कि पृथ्वी पुनः सूख न जाए। नूह ने वैसा ही किया जैसा परमेश्वर ने कहा था।

वर्षा आरम्‍भ हो गई तथा 40 दिन और रात वर्षा होती रही। नूह का परिवार अनेक माह तक जहाज में सुरक्षित रहा जब तक कि जल पूरी रीति से बह नहीं गया और धरती सूख नहीं गई।

जहाज से बाहर निकलने के पश्चात, नूह और उसके परिवार ने परमेश्वर द्वारा सुरक्षा प्रदान करने के लिए उसकी आराधना की। परमेश्‍वर ने नूह और उसके परिवार से प्रतिज्ञा की कि वह जलप्रलय द्वारा पृथ्वी को पुनः नष्‍ट नहीं करेगा। अपनी इस प्रतिज्ञा के एक चिन्ह के रूप में उसने आकाश में एक इन्‍द्रधनुष रखा। परमेश्वर ने नूह के परिवार तथा नूह को बचाया क्‍योंकि वे परमेश्‍वर के प्रति विश्‍वासयोग्‍य थे।

विचार करने योग्‍य प्रश्न :

  1.  सम्पूर्ण पृथ्वी को नष्‍ट करने के लिए परमेश्वर ने जलप्रलय को क्‍यों चुना?

  2. नूह ने परमेश्वर के प्रति अपनी विश्वासयोग्‍यता कैसे प्रगट की?

  3. परमेश्वर ने आकाश में इन्‍द्रधनुष क्‍यों रखा?

  4. परमेश्वर के प्रति आप अपनी विश्‍वासयोग्‍यता कैसे दिखा सकते हैं? 

कहानी की पृष्‍टभूमि :

  • नूह की कहानी को सर्वोत्‍तम रूप से समझने के लिए उत्‍पत्ति 1-9 के सन्‍दर्भ को ध्‍यान में रखें। उत्‍पत्ति 1-9 हमें बताता है कि परमेश्वर ने इस संसार तथा इसकी प्रत्‍येक वस्‍तु की रचना की। परमेश्‍वर ने लोगों (मनुष्‍यों) के साथ अपना विशेष सम्बन्ध स्‍थापित करने के लिए उनकी सृष्टि की (उत्‍पत्ति 1-2)। मनुष्‍य पाप में फंस गया तथा पाप ने मनुष्‍य और परमेश्‍वर के मध्‍य सम्‍बन्‍ध में एक बाधा उत्‍पन्‍न कर दी (उत्‍पत्ति 3) यद्धपि  परमेश्वर तथा मनुष्यों के मध्‍य परस्‍पर सम्‍बन्‍ध बदल गया था, फिर भी परमेश्वर ने अपने लोगों को बचाया, उनकी रक्षा की।

  • समय बीतने पर, पाप और बुराई संसार में इसकी बढ़ गई कि परमेश्वर ने जलप्रलय द्वारा इस पृथ्वी को स्‍वच्‍छ करने तथा नए सिरे से आरम्भ करने का निश्‍चय किया (उत्‍पत्ति 5-9) । परमेश्‍वर को पृथ्‍वी पर एक व्‍यक्ति मिला नूह और उसका परिवार जो धर्मी थे। अपनी महान दया के साथ परमेश्‍वर ने नूह को एक जहाज बनाने के द्वारा उसे और उसके परिवार को बचाया।
     

  • एक बार जब लोग उस जहाज से बाहर निकल आए, तब परमेश्‍वर ने आकाश में एक इन्‍द्रधनुष स्थापित करने के द्वारा नूर और उसके परिवार से एक वाचा (प्रतिज्ञा) बांधी। परमेश्वर ने लोगों से ‘‘फलवन्‍त’’ होने, तथा पृथ्‍वी में भर जाने’’ को कहा तथा भविष्य में जलप्रलय द्वारा संसार का कभी सर्वनाश न करने की प्रतिज्ञा (उत्‍पत्ति 9:8)। जब हमें एक इन्द्रधनुष दिखाई देता है, तब हम स्‍मरण कर सकते हैं कि परमेश्‍वर ने नूह तथा उसके परिवार की रक्षा की तथा परमेश्वर ने हमें बचाने की भी प्रतिज्ञा की है

हवाला - उत्‍पत्ति 6-9